हिंदू धर्म में ईश्वर
हमारे ऋग्वेद में ईश्वर को ब्रह्म कहा गया है और ब्रह्म को प्रणव, सच्चिदानंद, परब्रह्म, ईश्वर, परमेश्वर और परमात्मा भी कहा जाता है।
ईश्वर को जानने के पूर्व हमें यह जानना होगा कि ईश्वर कौन नहीं है या कौन ईश्वर नहीं है?
१ ईश्वर न तो भगवान है न देवी है, न देवता और नहीं ब्रह्मा ,विष्णु और महेश ।
२ ईश्वर पृथ्वी ,जल ,अग्नि ,वायु और आकाश भी नहीं हैं।
३ ईश्वर दुर्गा राम कृष्ण और बुद्ध भी नहीं हैं ।
४ ईश्वर न पिता है, न माता और नहीं गुरु ।
५ ईश्वर के न कोई पिता हैं और न कोई स्वामी और न ही वह किसी के स्वामी हैं।
६ जिन्होंने जन्म लिया है और जो मृत्यु को प्राप्त हो गए हैं या फिर अजर अमर हो गए हैं वे सब भी ईश्वर नहीं है।
तो ईश्वर क्या है और कौन है ?
१ ईश्वर निराकार निर्विकार और निर्विकल्प हैं उनकी कोई मूर्ति नहीं बनाई जा सकती ।
२ ईश्वर शुद्ध प्रकाश स्वरूप हैं लेकिन वह प्रकाश भी नहीं है।
३ ईश्वर केवल एक हैं उनके जैसा कोई दूसरा है ही नहीं।
४ ईश्वर न कभी बंधन में थे और न कभी बंधन में रहेंगे अर्थात क्लेश, कर्म, विपाक और आशय - इन चारों से जो संबंधित नहीं है वही ईश्वर हैं।
५ ईश्वर दयालु प्रेम पूर्ण और जगत के रखवाले हैं
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