आज दिनांक 12 नवंबर 2022 को शासकीय बालक प्राथमिक शाला पड़िगांव प्रांगण में क्रिएटिव पपेट थिएटर वाराणसी एवं जिला समग्र शिक्षा कार्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ वह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन रायगढ़ छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में टच the link 👉 मोहन से महात्मा 👈 टच the link कठपुतली नाट्य मंचन किया गया । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पड़िगांव, शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय पड़िगांव, शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय पड़िगांव एवं बालक प्राथमिक शाला पड़िगांव के 270 बच्चों ने तथा सैकड़ों ग्रामीण गणमान्य लोगों एवं माताओं और बहनों ने मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन वृतांत को अनुपम कठपुतली कला के माध्यम से जीवंत स्वरूप में देखा और सराहा ।
पोरबंदर के गुजरात में जन्मे एक ऋषि की कहानी बालक मोहनदास की कहानी जो आगे चलकर हमारे महात्मा गांधी बने उन प्यारे बापू गांधी जी के आदर्श व सिद्धांत को एक नाटक के रूप में मात्र 52 मिनट में प्रस्तुत करना अत्यंत ही कठिन कार्य है ।मोहन से महात्मा कठपुतली नाटक की प्रासंगिकता आज की परिस्थिति में अत्यधिक महत्वपूर्ण है इस नाटक में असमानता मिटाने जाति धर्म से ऊपर उठकर कार्य करने समाज में व्याप्त नशाखोरी आतंकवाद भ्रष्टाचार अस्वच्छता आदि आदि अनेकों बुराइयों को मिटाने तथा अन्याय अत्याचार दमन और शोषण के समक्ष जिद ठान कर लोहा लेने मुकाबला करने की प्रेरणा से युक्त दर्शन है । सत्य और अहिंसा के पुजारी हमारे अपने महात्मा गांधी जी के जीवन की महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए एवं बचपन से उनके द्वारा किए गए अनुपम प्रयास व इंग्लैंड में पढ़ाई दक्षिण अफ्रीका में वकालत दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद पर प्रहार पश्चात भारत में आकर तत्कालीन अंग्रेजों से लोहा लेना, नील की खेती का विरोध, नमक सत्याग्रह दांडी यात्रा ,भारत छोड़ो आंदोलन , करो या मरो आंदोलन ,असहयोग आंदोलन, नोआखाली की घटना भारत की आजादी और बापूजी के अमर होने की कहानी आदि विभिन्न घटनाक्रमों का जीवंत चित्रण मंचन जिस तरह संगीतमय और बेहतरीन संवाद कला के साथ मनोरम कठपुतलियों के चलित स्वरूपों द्वारा प्रस्तुत किया गया वह बेहद ही प्रशंसनीय और शिक्षाप्रद रहा । अजीम प्रेमजी फाउंडेशन टीएलसी केंद्र पुसौर के सभी कर्मठ व जुझारू साथियों एवं पूरे संकुल केंद्र पड़िगांव के सभी आदरणीय शिक्षक शिक्षिकाओं साथियों और बच्चों ने सक्रिय सहभागिताा निभाते हुए नाटक के मंचन हेतु अपना योगदान दिया तथा धैर्यता व गंभीरता के साथ नाटक को देखा व समझा यह एक शुभ शुरूवात है तो आइए हम सब मिलकर अपने सभी बच्चों में गांधी दर्शन के सभी प्रासंगिक पहलुओं को आत्मसात कर जीवन में उतारनेे की सतत शिक्षा प्रदान करते रहें ।
मोहन से महात्मा यू ट्यूब लिंक IIT BHU का डिजाइन एंड इनोवेटिव हब
BABULAL PATEL
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