क्या है पढ़ाई तुँहर दुआर 2.0

              


                                   पढ़ाई तुँहर दुआर 2.0

       आखिरकार हमारे स्कूल 17 माह के बाद लॉक डाउन के बाद खुल ही गए हैं स्कूलों में लॉकडाउन के दौरान हमारे अधिकांश शिक्षकों ने किसी ने किसी नवाचारी तरीके से अपने विद्यार्थियों का सीखना जारी रखने का प्रयास किया । राज्य शासन द्वारा इस हेतु पढ़ाई तुँहर दुआर कार्यक्रम संचालित कर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीके से बच्चों को समर्थन देना सुनिश्चित किया । इतने लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से इसका असर बच्चों की आदत,मन:स्थिति एवं व्यवहार पर भी पड़ा होगा वह नियमित पढ़ाई में पिछड़ने के साथ-साथ और भी बहुत सी बातें हैं जैसे दोस्ती, धैर्य ,तजुर्बा विनम्रता जैसे क्षेत्रों में अनुभव लेने से वंचित हो गए हैं । कोरोना लाकडाउन की वजह से कक्षा दूसरी में पढ़ने वाले बच्चे पहली बार स्कूल पहुंचेंगे सभी बच्चों को उनकी पहली कक्षा का बहुत कुछ सीखना बाकी होगा ऐसे में आगे की कक्षा में विभिन्न पाठों पर जोर या फोकस करने के बदले हमें कुछ बुनियादी कौशलों पर ज्यादा ध्यान देना होगा बच्चों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें आगामी कुछ दिनों तक बुनियादी कौशलों पर विशेष ध्यान देना होगा । हमें यह उम्मीद करनी चाहिए कि बच्चे खुशी-खुशी स्कूल आते रहे और उन्हें विद्यालय का खुलना एक उत्सव की तरह मनाया जाने का अनुभव मिले इन सब बातों को ध्यान में रखकर दूसरे अकादमिक सत्र में पढ़ाई तुँहर दुआर  2.0 प्रारंभ किया गया है

           छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई तुँहर दुआर 2.0 कार्यक्रम मुख्यतः इन बातों को ध्यान में रखकर प्रस्तावित किया  गया है जिसका ध्यान सभी शालाओं को रखना होगा ।

1 सभी विद्यार्थियों द्वारा अन्य विषयों का गहराई से अध्ययन करने से पूर्व बुनियादी भाषायी एवं गणितीय कौशलों को हासिल करने की दिशा में फोकस होकर कार्य करना होगा । 

2 कोर पाठ्यक्रम को कम करते हुए छूट रहे लर्निंग आउटकम को आगे आने वाले दो-तीन वर्षों में प्राप्त करने हेतु प्रस्तावित कर लिया जाना होगा ।

3 शिक्षकों एवं उनके समन्वयकों को एक नई भूमिका के लिए तैयार किया जाएगा जिसमें वे अपने विद्यार्थियों की बेहतरी हेतु आपस में मिलकर सतत सीखने में एक दूसरे का सहयोग लेकर मेंटरिंग कर सकेंगे ।

4 विभिन्न स्तरों के लिए उनके स्तर के अनुरूप भाषा गणित विज्ञान एवं सामाजिक अध्ययन में कुछ न्यूनतम  गतिविधियों का आयोजन अनिवार्य किया जाए ।

5 साला स्तर से लेकर जिले स्तर तक बच्चों के मध्य तक मुद्दों पर पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन कर सीखने हेतु स्वास्थ्य प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा । 

6 पालकों के साथ एक क्षेत्रीय पार्टनरशिप करते हुए उन्हें घर पर बच्चों को सिखाने हेतु जिम्मेदारियां लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर सीखने के समय को बढ़ाया जाएगा ।

7  प्रत्येक विद्यार्थी वर्तमान में किस स्थिति में है और उसे कैसे आगे लेकर जाया जा सकता है इस पर स्थानीय स्तर पर कक्षा के भीतर काम किया जाएगा ।

8 कोरोना लाकडाउन के दौरान अपनाए गए नवाचारों एवं प्रक्रियाओं जैसे सामुदायिक सहभागिता एवं टेक्नोलॉजी के उपयोग को आगे भी जारी रखा जाएगा। 

9.  17 माह की लंबी अवधि के बाद शालाओं के खुलने के अवसर को एक उत्सव के रूप में आयोजित करते हुए बच्चों के सीखने पर बहुत अधिक बोझ ना देते हुए उन्हें सामाजिकरण एवं एक दूसरे से सहयोग आधारित शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा।

        

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